वृंदावन का कृष्ण कन्हइया Vridavan Ka Krishan Kanahiya Krishna Bhajan

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न्दावन का क्रिश्चन कन्हैया सब की आँखों का तारा
वृन्दावन का क्रिश्चन कन्हैया सब की आँखों का तारा
मन ही मन क्यों जले राधिका मोहन तो है सब का प्यारा
मन ही मन क्यों जले राधिका मोहन तो है सब का प्यारा
वृन्दावन का क्रिश्चन कन्हैया सब की आँखों का तारा

जमाना तट पर नन्द का लाल जब जब रास रचाये रे
जमाना तट पर नन्द का लाल जब जब रास रचाये रे
तन मन डोले कान्हा ऐसी बसी मधुर बजाये रे
सुध -बुध भूली कड़ी गोपियाँ जाने कैसा जादू डरा
वृन्दावन का क्रिश्चन कन्हैया सब की आँखों का तारा

राग सलोना ऐसा जैसे छै हो घाट सावन की
राग सलोना ऐसा जैसे छै हो घाट सावन की
आई री मैं तो हुई दीवानी मनमोहन मन भवन की
तेरे कारन देख बाँवरे छोड़ दिया मैं ने जग सारा
वृन्दावन का क्रिश्चन कन्हैया सब की आँखों का तारा
मन ही मन क्यों जले राधिका मोहन तो है सब का प्यारा

वृन्दावन का क्रिश्चन कन्हैया सब की आँखों का तारा

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