हर ख़ुशी मिल जाएगी तुझे
चरणों में झुक जाने के बाद
कुछ नहीं बिगड़ेगा तेरा
हरी शरण में आने के बाद
हर ख़ुशी मिल जाएगी तुझे
चरणों में झुक जाने के बाद
कुछ नहीं बिगड़ेगा तेरा
हरी शरण में आने के बाद
प्रेम के मंजिल के राही
कस्ट पाते है मगर
बीज फलता है सदा
मिटटी में मिल जाने के बाद
कुछ नहीं बिगड़ेगा तेरा
हरी शरण में आने के बाद
देख कर काली घटा को
हे भ्रमर मत हो निराश
बंद कालिया भी खिलेंगी
रात ढल जाने के बाद
कुछ नहीं बिगड़ेगा तेरा
हरी शरण में आने के बाद