हनुमान जब चले बजरंगबली भजन लिरिक्स

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सुग्रीव बोले वानरों तत्काल तुम जाओ
श्री जानकी मैया का पता मिल कर तुम लगाओ

होकर निराश तुम जो मेरे पास आओगे
ये सुनलो कान खोल कर सब मारे जाओगे
ये हुकुम सुनकर चल पड़ी सुग्रीव की पल्टन
सब खोज डाले एक एक जंगल पहाड़ वन

माँ अंजनी के लाल को सब मिलकर पुकारे
हम सब शरण है आपकी अब लाज बचाओ
उठो हे महावीर ना अब देर लगाओ
श्री जानकी मैया का पता जाकर लगाओ

ये सुनकर गरज कर उठे
जब वीर वर हनुमान
थर्रा गयी जमी और
काँप गया आसमान

वीरो के भी शिरोमणि
बलवान जब चले
हनुमान जब चले

वीरो के भी शिरोमणि
बलवान जब चले
हनुमान जब चले

वीरो के भी शिरोमणि
बलवान जब चले

श्री रामजी का करते
ध्यान जब चले
रावण का तोड़ने को
अभिमान जब चले

धर कर विराट रूप
बन तूफ़ान जब चले
लंका दहाड़े हुए हनुमान जब चले

वीरो के भी शिरोमणि
बलवान जब चले
हनुमान जब चले

माता को खोजने चले जब
अंजनी कुमार
सब वानरों के दल में
मची जय जय कार

मारी छलांग और समुन्द्र हुए पार
आकाश दोल उठा
और हिल गया संसार
विकराल गदा वो हाथ में तान जब चले
बलवां जब चले

लंका को फूक डाले
अंजनी के लाल
दुश्मन को चबा डाले
वो बनके महाकाल

लंका को बनाकर के
शमशान जब चले
वीरो के भी शिरोमणि जब चले

लंका दहाड़ते हुए
हनुमान जब चले
बलवान जब चले

वीरो के भी शिरोमणि जब चले
बलवान जब चले
हनुमान जब चले

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