तुम रूठे रहो मोहन हम तुम्हे मनालेंगे कृष्णा भजन लिरिक्स

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तुम रूठे रहो मोहन
हम तुम्हे मनालेंगे
आहो में असर होगा
घर बैठे बुलालेंगे

तुम कहते हो मोहन
तुम्हे मधुबन प्यारा है

एक बार तो आजाओ
मधुबन ही बना देंगे

तुम रूठे रहो मोहन
हम तुम्हे मनालेंगे

तुम कहते हो मोहन
तुम्हे माखन प्यारा है
एक बार तो आजाओ
माखन ही खिला देंगे

तुम रूठे रहो मोहन
हम तुम्हे मनालेंगे

तुम कहते हो मोहन
हमे कहा बिठाओगे
एक बार तो आजाओ
पलकों पे बिठालेंगे

तुम रूठे रहो मोहन
हम तुम्हे मनालेंगे
आहो में असर होगा
घर बैठे बुलालेंगे

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