तू श्याम सहारा हारो का जग में किस्मत के मारो का
तुझे पहचान लिया है अपना तुझे मान लिया रे
श्याम तेरी रेहमत के किसो को सुन कर मैं आई
तूने जाने कितनो की किस्मत है चमकाई
खाली नहीं लौटी जिसनी भी अर्जी लगाई
तेरी चौखठ पे होती है सबकी सुनवाई
तू श्याम सहारा हारो का जग में किस्मत के मारो का
जिसका कोई नहीं है साथी उसका तू है सहारा
दौड़ा चला आया जिसने भी दिल से तुझे पुकारा
तेरी लखदातारी का चर्चा करता जग सारा
सरे जग में गूंज रहा तेरे नाम का ही जय कारा
तू श्याम सहारा हारो का जग में किस्मत के मारो का
तेरी प्रेम चुनरियाँ अब तो मैंने सँवारे ओहडी
मैंने अपनी प्रेत की डोरी तेरे संग में जोड़ी
तेरे भरोसे भावना ने ये दुनिया दारी छोड़ी
अपनी किरपा की वारिश शर्मा पे करदे थोड़ी
तू श्याम सहारा हारो का जग में किस्मत के मारो का