हरी नाम है पापन है हारी कृष्णा भजन लिरिक्स

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हरी नाम है पापन है हारी
हरी नाम है नित सुखकारी
हरी नाम दुःख मेटे भारी
लाओ रे मन हरी से
गाओ रे गुण हरी के

फ़िल्मी भजन तर्ज –

हरी नाम है पापन है हारी
हरी नाम है नित सुखकारी
हरी नाम दुःख मेटे भारी
लाओ रे मन हरी से
गाओ रे गुण हरी के

जो जान हरी से नेह लगावे
सो जान भाव सागर तर जावे
हरी की महिमा वेद बतावे
अंत काल यम फ़ासी छुड़ाई
हरी नाम ने गणिका तारी
अहिलीया सबरी तारी
हरी नाम है अधम उद्धरी

हरी नाम है पापन है हारी
हरी नाम है नित सुखकारी
हरी नाम दुःख मेटे भारी
लाओ रे मन हरी से
गाओ रे गुण हरी के

हरी नाम बिन संग ना कोई
हरी बिन जनम अकारथ होई
हरी को सुमिरे हरी जन जोई
पावे मुक्ति पद को सोई
हरी ने पापी अजामिल पापी तारी
व्याध गिद्ध गज राज उबारा
सेना सदना पार उतारा

हरी नाम है पापन है हारी
हरी नाम है नित सुखकारी
हरी नाम दुःख मेटे भारी
लाओ रे मन हरी से
गाओ रे गुण हरी के

हरी नाम मन मेल मिटावे
हरी नाम चित संत बनावे
हरी नाम दिल द्वैत नसावे
हरी नाम उर्र ज्योत जगावे
कहके ॐ जिसने हर गुण गया
उसको हरी ने कंठ लगाया
केवल मोक्ष पथ पहुंचाया

हरी नाम है पापन है हारी
हरी नाम है नित सुखकारी
हरी नाम दुःख मेटे भारी
लाओ रे मन हरी से
गाओ रे गुण हरी के

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