वो दिल दिल ही नहीं || Vo Dil Dil Hi Nahi Best Krishna Bhajan By Vinod Agarwal

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वो दिल दिल ही नहीं
वो दिल दिल ही नहीं
वो दिल दिल ही नहीं
वो दिल दिल ही नहीं
जिस दिल मे तुम्हारी याद ना हो
वो याद ही याद ही क्या
जिसमे उलफत भारी फरियाद ना हो
वो फरियाद फरियाद ही क्या

वो फरियाद फरियाद ही क्या
वो फरियाद क्या जिसमे चाह ना हो तेरे मिलने की
वो चाह चाह ही क्या
वो चाह चाह ही क्या

जिसमे तेरे आशिक़ का घर बर्बाद ना हो
प्रियतम बोलो कब आओगे
मोहन बोलो कब आओगे
प्रियतम बोलो कब आओगे

मोहन बोलो कब आओगे
प्रियतम बोलो कब आओगे
प्रियतम बोलो कब आओगे
मोहन बोलो कब आओगे
मोहन बोलो कब आओगे

वो दिल दिल ही नहीं
वो दिल दिल ही नहीं
वो दिल दिल ही नहीं
वो दिल दिल ही नहीं

जिस दिल मे तुम्हारी याद ना हो
वो याद ही याद ही क्या
जिसमे उलफत भारी फरियाद ना हो
वो फरियाद फरियाद ही क्या

वो फरियाद फरियाद ही क्या
वो फरियाद क्या जिसमे चाह ना हो तेरे मिलने की
वो चाह चाह ही क्या

वो चाह चाह ही क्या
जिसमे तेरे आशिक़ का घर बर्बाद ना हो
प्रियतम बोलो कब आओगे
मोहन बोलो कब आओगे

प्रियतम बोलो कब आओगे
मोहन बोलो कब आओगे
प्रियतम बोलो कब आओगे
प्रियतम बोलो कब आओगे

मोहन बोलो कब आओगे
मोहन बोलो कब आओगे
कन्हैया को ये दिल नज़र कर चुकी हूँ
कन्हैया को ये दिल नज़र कर चुकी हूँ

और बदले मे उसके दर्द ले चुकी हूँ
वो तारे ना तारे समझ उनकी अपनी
वो तारे ना तारे समझ उनकी अपनी
गुनाहो की अब खबर ले चुकी हूँ

गुनाहो की अब खबर ले चुकी हूँ
है तबा अदालत मे दीवानगी का
है तबा अदालत मे दीवानगी का
जमनत मे दिल और जिगर दे चुकी हूँ

है तबा अदालत मे दीवानगी का
जमनत मे दिल और जिगर दे चुकी हूँ
वो आये ना आये ये मार्जी है उनकी
वो आये ना आये ये मार्जी है उनकी

मैं मरने की अब मैं खबर दे चुकी हूँ
मैं मरने की अब मैं खबर दे चुकी हूँ
ये दुनिया ना बाज़ आई
ये दुनिया ना बाज़ आई

हमे बदनाम करते करते
हमे बदनाम करते करते
तेरे दर पे आगये है फरियाद करते करते
तेरे दर पे आगये है फरियाद करते करते

ये सारा पागल खाना है
ये सारा पागल खाना है यहा पागल आते जाते है
कभी अपनी कहने वाले सब पागल बॅन कर जाते है
कोई पागल है धन दौलत का

कोई पागल है धन दौलत का
कोई पागल है नारी का
सच्चा पागल वो ही है
सच्चा पागल वो ही है

जो पागल बंकी बिहारी का
जो पागल बंकी बिहारी का
ओ देश देशांतर के अनेक व्यक्ति आते यहा
देश देशांतर के अनेक व्यक्ति आते यहा

जिनके ह्रदय मे जलती प्रेम ज्वाला है
गुरु गाऊरव से राज रहे कुंदन मे
कृपा कर प्रेवश होता चितत होता मतवाला है
प्रेम की परीक्षा होती प्रेम का प्रश्नप्त्रा

प्रेम का प्रमदपत्रा मिलता निराला है
दूर दूर से शिष्या आते यहा पाठ पड़ने को
वृंदावन प्रेम की पवित्र पाठशाला
वृंदावन प्रेम की पवित्र पाठशाला

बुला लो वृंदावन बिहारी
बुला लो वृंदावन बिहारी
श्याम मुझे लगी तलब आती भारी
श्याम मुझे लगी तलब आती भारी

श्याम मेरी बीती उमरिया सारी
श्याम मेरी बीती उमरिया सारी
बुला लो वृंदावन बिहारी
बुला लो वृंदावन बिहारी

बुला लो वृंदावन बिहारी
बुला लो वृंदावन बिहारी
बुला लो वृंदावन बिहारी
बुला लो वृंदावन बिहारी

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