तुम्ही श्याम अपने, सगरे पराए,
काम पड़ा तो, तुम्ही काम आए।।
तर्ज – तुम्ही मेरे मंदिर
कहते थे खुद को, जीवन के संगी,
बदले जमाना, बदलेंगे ना कभी,
भागे जो रैन भागे, सूरज उगाए।
काम पड़ा तो, तुम्ही काम आए,
तुम्ही श्याम अपने, सगरे पराए,
काम पड़ा तो, तुम्ही काम आए।।
दुनिया के मेले में, तुमको भूलाया,
कभी नाम तेरा, ज़ुबान पे ना लाया,
फिर भी पुकार सुन, तुम चले आए।
काम पड़ा तो, तुम्ही काम आए,
तुम्हीं श्याम अपने, सगरे पराए,
काम पड़ा तो, तुम्ही काम आए।।
अच्छा हुया जो, बुरा वक़्त आया,
अपने पराए को, मैं जान पाया,
टूटा भरम चलो, गंगा नहाए।
काम पड़ा तो, तुम्ही काम आए,
तुम्ही श्याम अपने, सगरे पराए,
काम पड़ा तो, तुम्ही काम आए।।
अनमोल हैं तेरी, दया के फसाने, तू हैं अजब तेरे,
अजब हैं दीवाने, नंदू दीवानो संग, अलख जगाए।
काम पड़ा तो, तुम्ही काम आए, तुम्हीं श्याम अपने,
सगरे पराए, काम पड़ा तो, तुम्ही काम आए।।