जगत के रंग क्या देखूँ तेरा दीदार काफी है कृष्णा भजन लिरिक्स

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जगत के रंग क्या देखूँ,
तेरा दीदार काफी है।
करूँ मैं प्यार किस किस से,
तेरा एक प्यार काफी है॥

जगत के रंग क्या देखूँ,
तेरा दीदार काफी है।
करूँ मैं प्यार किस किस से,
तेरा एक प्यार काफी है॥

नही चाहिए ये दुनिया के,
निराले रंग ढंग मुझको।
चली जाऊँ मैं वृन्दावन,
तेरा दरबार काफी है॥

जगत के रंग क्या देखूँ,
तेरा दीदार काफी है।
करूँ मैं प्यार किस किस से,
तेरा एक प्यार काफी है॥

जगत के साज बाजो से,
हुए है कान अब बहरे।
कहाँ जा के सुनूँ अनहद,
तेरी झंकार काफी है॥

जगत के रंग क्या देखूँ,
तेरा दीदार काफी है।
करूं मैं प्यार किस किस से,
तेरा एक प्यार काफी है॥

जगत के रिश्तेदारों ने,
बिछाया जाल माया का।
तेरे भक्तो से हो प्रीती,
तेरा परिवार काफी है॥

जगत के रंग क्या देखूँ,
तेरा दीदार काफी है।
करूं मैं प्यार किस किस से,
तेरा एक प्यार काफी है॥

जगत की झूठी रौशनी से,
हैं आँखे भर गई मेरी।
मेरी आँखों में हों हरदम,
तेरा चमकार काफी है॥

जगत के रंग क्या देखूँ,
तेरा दीदार काफी है।
करूँ मैं प्यार किस किस से,
तेरा एक प्यार काफी है॥

जगत के रंग क्या देखूँ,
तेरा दीदार काफी है।
करूँ मैं प्यार किस किस से,
तेरा एक प्यार काफी है॥

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