प्रभु रस को लूटा भक्तो ने
तू भी लूट सके तो लूट
रस को पीकर बन जा बनवारा
तू लाख चौरासी से छूट
श्याम धुन होने दो श्याम रस बरस रहा
राधे धुन होने दो प्रेम रस बरस रहा
श्याम धुन होने दो के श्याम रस बरस रहा
राधे धुन होने दो के प्रेम रस बरस रहा
श्यामजी के नाम पेर मीयर्रा बाई डाट गयी
ओ श्यामजी ओ श्यामजी ओ श्यामजी
जहर का प्याला पीने दो प्रेम रस बरस रहा
रामजी के नाम पेर सबरी डाट गयी
झूठे बेर खाने दो प्रेम रस बरस रहा
रामजी के नाम पेर हनुमत डाट गये
प्रभु जो कहे वो करने दो प्रेम रस बरस रहा
श्याम धुन होने दो की श्याम रस बरस रहा
राधे धुन होने दो की प्रेम रस बरस रहा
इक बार हमे मोहन तेरे ब्रज में बुला लेना
इक बार हमे मोहन तुम अपना बना देना
गिरे जब ठोकर खा कर तुम हुमको उठा लेना
इक बार हमे मोहन तुम अपना बना लेना
अब और जानम कितने हम नही मिल पाएँगे
मेरी मॅन बगिया के फूल क्या नही खिल पाएँगे
मेरी मुरझाई बगिया एक बार खिला देना
मेरी मुरझाई बगिया एक बार खिला देना
इक बार हमे मोहन तुम अपना बना लेना
बड़ी देर भाई मोहन तुम अब तो आजओ
जो मॅन में लगी है अगन उसे आके बुझा जाओ
इन्न प्यासी अँखियो को दीदार करा देना
इक बार हमे मोहन तुम अपना बना लेना
राधे गोविंद गोविंद श्री राधे
राधे गोविंद गोविंद श्री राधे