आरती उतारे हम तुम्हारी सांई बाबा ।
चरणों के तेरे हम पुजारी बाबा ।
विद्या बल बुद्धि , बंधु माता पिता हो ।
तन मन धन प्राण , तुम्ही सखा हो ।
हे जगदाता अवतारे , सांई बाबा ।
आरती उतारे हम तुम्हारी सांई बाबा ।
ब्रह्म के सगुण अवतार तुम स्वामी ।
ज्ञानी दयावान प्रभु अंतरयामी ।
सुन तो विनती हमारी सांई बाबा ।
आरती उतारे हम तुम्हारी सांई बाबा ।
आदि हो अनंत त्रिगुणात्मक मूर्ति ।
सिंधु करुणा के हो उद्धारक मूर्ति ।
शिरडी के संत चमत्कारी सांई बाबा ।
आरती उतारे हम तुम्हारी सांई बाबा ।
भक्तों की खातिर जनम लिए तुम ।
प्रेम ज्ञान सत्य स्नेह , मरम दिए तुम ।
दुखिया जनों के हितकारी सांई बाबा ।
आरती उतारे हम तुम्हारी सांई बाबा ।