मनिहारी का भेष बनाया श्याम || Manihaari Ka Bhesh Banaya Shyam Krishna Bhajan By Tripti Sakya

मनहारी का भेष बनाया, श्याम ड़ी बेचने आया।
छलिया का भेष बनाया , श्याम चूड़ी बेचने आया।

झौली कंधे धरो, उसमे चूड़ी भरी
गलियों में शोर मचाया, श्याम चूड़ी बेचने आया।
छलिया का भेष बनाया , श्याम चूड़ी बेचने आया।

राधा ने सुनी ललिता ने कही, मोहन को तुरन्त बुलाया।
श्याम चूड़ी बेचने आया, छलिया का भेष बनाया ।

चूड़ी लाल नहीं पहनू,चूड़ी हरी नहीं पहनू
मुझे श्याम रंग है भाया, श्याम चूड़ी बेचने आया,
छलिया का भेष बनाया , श्याम चूड़ी बेचने आया।

राधा पहनन नहीं, श्याम पहेनाने लगे,
राधा ने हाथ बढाया, श्याम चूड़ी बेचने आया,
छलिया का भेष बनाया , श्याम चूड़ी बेचने आया।

राधा कहने लगी, तुम हो छलिया बड़े,
धीरे से हाथ बढाया,श्याम चूड़ी बेचने आया।
छलिया का भेष बनाया , श्याम चूड़ी बेचने आया।

मनहारी का भेष बनाया, श्याम चूड़ी बेचने आया।
छलिया का भेष बनाया , श्याम चूड़ी बेचने आया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *