मिलता है सच्चा सुख केवल साई तुम्हारे चरणों मे
यह विनती है हर पल साई रहे ध्यान तुम्हारे चरणों मे
चाहे वैरी जग संसार बने चाहे जीवन मुझ पे भार बने
चाहे मौत गले का हार बने रहे ध्यान तुम्हारे चरणों मे
मिलता है सच्चा सुख केवल साई तुम्हारे चरणों मे
चाहे अग्नि मे मुझे जलना हो चाहे कांटो पे मुझे चलना हो
चाहे छोड़ के देश निकल ना हो रहे ध्यान तुम्हारे चरणों मे
मिलता है सच्चा सुख केवल साई तुम्हारे चरणों मे
चाहे संकट ने मुझे घेरा हो चाहे चारों और अंधेरा हो
पर मन नहीं डगमग मेरा हो रहे ध्यान तुम्हारे चरणों मे
मिलता है सच्चा सुख केवल साई तुम्हारे चरणों मे
जीभा पर तुम्हारा नाम रहे तेरा ध्यान सुबह और शाम रहे
तेरी याद मे आठों याम रहे रहे ध्यान तुम्हारे चरणों मे
मिलता है सच्चा सुख केवल साई तुम्हारे चरणों मे