किस मुख से प्रभु मंगु तुझसे
इतने हम पेर है उपकार
तेरी लीला तूही जाने जग के पालन हार
तेरी लीला तूही जाने जग के पालन हार
क्या माँगे प्रभु अब हम तुम से
सब कुच्छ दे दिया नाम
इतना दिया के माँगने को प्रभु
उठाते नही मेरे हाथ
क्या माँगे प्रभु अब हम तुम से
सब कुच्छ दे दिया नाम
इतना दिया की माँगने को प्रभु
उठाते नही मेरे हाथ
क्या माँगे प्रभु अब हम तुम से
हम थे जार्रे तेरी जमी के
तूने कृपा प्रभु वो बरसाई
मेरे जीवन की बगिया में
सुख की कलियाँ वो महकाई
दुख के बदल देखे कभी ना
सुख की हुए बरसात
इतना दिया के माँगने को प्रभु
उठाते नही मेरे हाथ
क्या माँगे प्रभु अब हम तुम से
जानम जानम से मनगते आए
हम तो प्रभु तेरे दर के भिखारी
कितना भी हम पाले तुझसे
फिर भी खाली झोली हमारी
देना होतो इतना देना भक्ति का वरदान
इतना दिया के माँगने को प्रभु
उठाते नही मेरे हाथ
क्या माँगे प्रभु अब हम तुम से
दर्र लगता है इतनी ख़ुसी से
रूठ ना जाए तू कही हम से
चाहे तो हुको दुख दे देना
पेर ना जाना डोर तू हुंसे
सिर पेर रखना हाथ कृपा का
जाग के दीना नाथ
इतना दिया की माँगने को प्रभु
उठाते नही मेरे हाथ
उठाते नही मेरे हाथ