कोई जाये जो वृन्दावन
मेरा पैगाम ले जाना
मैं खुद तो जा नहीं पाऊँ
मेरा प्रणाम ले जाना ।
भजन गायक – हरिदासी हैप्पी शर्मा जी
ये कहना मुरली वाले से
मुझे तुम कब बुलाओगे
पड़े जो जाल माया के
उन्हे तुम कब छुडाओगे ।
मुझे इस घोर दल-दल से
मेरे भगवान ले जाना ॥
कोई जाये जो वृन्दावन…
जब उनके सामने जाओ
तो उनको देखते रहना
मेरा जो हाल पूछें तो
ज़ुबाँ से कुछ नहीं कहना ।
बहा देना कुछ एक
आँसू मेरी पहचान ले जाना ॥
कोई जाये जो वृन्दावन…
जो रातें जाग कर देखें
मेरे सब ख्वाब ले जाना
मेरे आँसू तड़प मेरी..
मेरे सब भाव ले जाना ।
न ले जाओ अगर मुझको
मेरा सामान ले जाना ॥
कोई जाये जो वृन्दावन…
मैं भटकूँ दर ब दर प्यारे
जो तेरे मन में आये कर
मेरी जो साँसे अंतिम हो..
वो निकलें तेरी चौखट पर ।
‘हरिदासी’ हूँ मैं तेरी..
मुझे बिन दाम ले जाना॥
कोई जाये जो वृन्दावन
मेरा पैगाम ले जाना
मैं खुद तो जा नहीं पाऊँ
मेरा प्रणाम ले जाना ॥