कीर्तन मे अब रंग बरसने वाला है
देखो देखो आ गया बजरंग बाला है
जहाँ जहाँ कीर्तन प्रभु का होता है
नाचे हनुमत होकर के मतवाला है
कीर्तन मे अब रंग
पाँव में घुँघरू बांधे है हाथ में करताल
ठुमक ठुमक कर झूमता है अंजनी का लाल
पी रहा मस्ती का भर भरकर प्याला है
देखो देखो आ गया
राम का दरबार हो या श्याम का दरबार
रहता है हनुमान हरदम सेवा में तैयार
अपने प्रभु का ये तो भक्त निराला है
देखो देखो आ गया
भक्ति का भण्डार है ये प्रेम का सागर
माँग लो अनमोल धन ये हाथ फैला कर
खुलवा लो जो बंद करम का ताला है
देखो देखो आ गया
कर रहे है भक्त सारे प्रार्थना इतनी
भक्तिरस हमको चखा दो भक्त शिरोमणि
“बिन्नू” ने चरणों मे डेरा डाला है
देखो देखो आ गया