करुणामयी वरदायनी कर कमल विणा धारणी माँ सरस्वती भजन लिरिक्स

0
3091
views
Share on Facebook
Tweet on Twitter

या कुन्देन्दु तुषारहार धवला या शुभ्रवस्त्रावृता।
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना ।।
या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता।
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा ।।1।।
शुक्लां ब्रह्मविचारसारपरमांद्यां जगद्व्यापनीं ।
वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यांधकारपहाम्।।
हस्ते स्फाटिक मालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम् ।
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्।।2।।

करुणामयी वरदायनी कर कमल विणा धारणी
माँ सरस्वती माँ सरस्वती

फ़िल्मी भजन तर्ज – किस राह में किस मोड़ पर

माँ सा सा सात स्वर में निवास है
रे रा में धरा आकाश है
गा गा गाए गुण गंधर्व गण
मा माँ है लोभ निवारणी
ओ माँ सरस्वती माँ सरस्वती
माँ सरस्वती माँ सरस्वती

करुणा मयी वर दायनी कर कमल विणा धारणी
माँ सरस्वती माँ सरस्वती

पा पवित्र पावन पावनी
ध ध धवल वस्त्र सुशोभिनी
नी नमन करे ऋषि देव मिल
गुणी जन की हो हितकारिणी
माँ सरस्वती ओ माँ सरस्वती
माँ सरस्वती माँ सरस्वती

करुणा मयी वर दायनी कर कमल विणा धारणी
माँ सरस्वती माँ सरस्वती

माँ सुर ताल मेरा सवार दो अब सरल का कर उद्धार दो
लख्खा की वाणी में माँ बसों हे शारदे हंस वाहनी
ओ माँ सरस्वती माँ सरस्वती माँ सरस्वती माँ सरस्वती

करुणामयी वरदायनी कर कमल विणा धारणी
माँ सरस्वती माँ सरस्वती

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here