जो भी मुझे मिला है तेरे दर से ही मिला है।
हुआ धन्य मेरा जीवन तेरा प्यार जो मिला है॥
मेरी जिंदगी सजाकर अपना बनाया तुमने।
अंतःकरण जगाकर क्या-2 दिखाया तुमने।
जो खो गया था मुझसे वापस मुझे मिला है॥ जो भी मुझे मिला है….
इतनी ही है तमन्ना इतनी ही चाह मेरी।
फिर से ना खो मैं जाऊँ रूठे कृपा न तेरी।
शिकवा है ना शिकायत ना कोई मुझे गीला है॥ जो भी मुझे मिला है…
तुम हो जगत के स्वामी तुममें ही जग समाया।
हर सय में वास तेरी हर सय में तेरी छाया।
काँटो के बीच में भी देखो सुमन खिला है॥ जो भी मुझे मिला है…
बनकर के दीप पथ का जग को मैं दूँ उजाला।
औरों के अश्क पौंछू, छलक़ूँ जो रस का प्याला।
मुझको मिली जो मस्ती भगवन तेरा सिला है॥ जो भी मुझे मिला है…