जय जय हो भोले दाता
हम सब के भाग्य्भिदाता
तूने कैसी खेल रचाई
उजैन नगरी बैठ के
सारे भगतो के कष्ट मिटाए
जय जय हो भोले दाता
जय जय हो भोले दाता
हम सब के भाग्य्भिदाता
तूने कैसी खेल रचाई
उजैन नगरी बैठ के
सारे भगतो के कष्ट मिटाए
जय जय हो भोले दाता
अन्तरजमी हो बाबा
सभी के मन की तू जाने
जब भगतो पर तेरी दया हो
लगते ख़ुशी बरसाने
तेरी माया का खास मंदिर
जिसका शोर न पाए
उजैन नगरी बैठ के
सारे भगतो के
प्रेम का एसा बंधन है
तोड़े से न टूटे
अरे धन दोलत का क्या
भोरसा आज मिले कल छुटे
तेरी किरपा की छाया
सबका जीवन सफल बनाये
उजैन नगरी बैठ के
सारे भगतो के कष्ट मिटाए
जय जय हो भोले दाता