हम नैन बिछाए है, हे गणपति आ जाओ।।
तर्ज – मुरली वाले ने घेर लई।
गणपति तुम हो बड़े दयालु,
किरपा कर दो हे किरपालु,
हर सांस बुलाए है, हे गणपति आ जाओ,
हम नैन बिछाए , हे गणपति आ जाओ।।
पाप की गठरी सर पे भारी, हम को है बस आस तुम्हारी,
बड़ा मन घबराए है, हे गणपति आ जाओ,
हम नैन बिछाए है, हे गणपति आ जाओ।।
जग से हमने तोडा नाता, गणपति तुमसे जोड़ा नाता,
तुझे नैना निहारे है, हे गणपति आ जाओ,
हम नैन बिछाए हैं, हे गणपति आ जाओ।।
माथे पर सिंदूर है प्यारा, पीताम्बर है तन पर धारा,
सब आस लगाए है, हे गणपति आ जाओ,
हम नैन बिछाए हैं, हे गणपति आ जाओ।।