हे रावण अकाल तेरी मूछ में बद गयी के
हे रावण अकाल तेरी मूछ में बद गयी के
क्या ताई छेरी पूछ की लंका बलगी रे
के क्या ताई छेरी पूछ की लंका बलगी रे
हे रावण अकल तेरी मूछ में बाद गयी के
क्या ताई छेरी पूछ की लंका बलगी रे
के क्या ताई छेरी पूछ की लंका बलगी रे
पूछ जरा सी इतनी बलगी लंका छोटी पड़गी
पूछ जरा सी इतनी बलगी लंका छोटी पड़गी
सारा खेल निमड्ग रावण रुई तेरी घटगी
सारा खेल निमड्ग रावण रुई तेरी घटगी
शेर की बानी पे आहुति फिरगी रे
शेर की बानी पे आहुति फिरगी रे
क्या ताई छेरी पूछ की लंका बलगी रे
के क्या ताई छेरी पूछ की लंका बलगी रे
अपने मन में राजी होया अपनी मूछ मदोदि
अपने मन में राजी होया अपनी मूछ मदोदि
वह रे रावण अपनी किस्मत खुद हाँथ से
वह रे रावण अपनी किस्मत खुद हाँथ से
पूछ तेरी मुछ पे या भरी पड़गी रे
पूछ तेरी मुछ पे या भरी पड़गी रे
क्या ताई छेरी पूछ की लंका बलगी रे
के क्या ताई छेरी पूछ की लंका बलगी रे
तेरे हाँथ से हनुमान ने बिन माँगा वार मिलगया
तेरे हाँथ से हनुमान ने बिन माँगा वार मिलगया
एक जरा सी मुछ हिलायी तेरा कालज हिलगया
एक जरा सी मुछ हिलायी तेरा कालज हिलगया
ओह बांदर नाच रहय के किस्मत खुल गई रे
ओह बांदर नाच रहय के किस्मत खुल गई रे
क्या ताई छेरी पूछ की लंका बलगी रे
क्या ताई छेरी पूछ की लंका बलगी रे
तेरे से जड़ आग बुझेन क्या ताई आग लगावे
तेरे से जड़ आग बुझेन क्या ताई आग लगावे
बनवारी खुद के हाँथ से खुद का घर बलवावे
बनवारी खुद के हाँथ से खुद का घर बलवावे
आज तेरा हाँथ से नाक तेरी कटगी रे
आज तेरा हाँथ से नाक तेरी कटगी रे
क्या ताई छेरी पूछ की लंका बलगी रे
क्या ताई छेरी पूछ की लंका बलगी रे
हे रावण अकल तेरी मूछ में बाद गयी के
हे रावण अकल तेरी मूछ में बाद गयी के
क्या ताई छेरी पूछ की लंका बलगी रे
के क्या ताई छेरी पूछ की लंका बलगी रे
हे रावण अकाल तेरी मूछ में बद गयी के
क्या ताई छेरी पूछ की लंका बलगी रे
क्या ताई छेरी पूछ की लंका बलगी रे