एक मुक्के से धूल चटा दू
अकड़ के इतना मन फिरे
जा छोड़ दिया तन्ने पड़े पड़े
श्री राम के हाथो मरेगा रावण
छोड़ दिया तन्ने पड़े पड़े
एक मुक्के से धूल चटा दू
अकड़ के इतना मन फिरे
जा छोड़ दिया तन्ने
श्री राम के हाथो मरेगा रावण
छोड़ दिया तन्ने पड़े पड़े
सीता माता की सुध
लेने की खातिर
राम दूत बन मैं आया
मेघनाथ के बंध्या मैं
मैं मर्जी से बांधकर आया
ते जानिये एक दिन रावण
घड़ा पाप का भरे भरे
श्री राम के हाथो मरेगा रावण
जा छोड़ दिया तन्ने खड़े खड़े
गाजर मूली समझ के तेरी साड़ी सेना पीस सकू
और बन्दर मत ना जानिए रावण
प्राण तेरे मैं खींच सकू
हाथ बंधे से मेरे रावण
राम कर्ज कार्य सरे
श्री राम के हाथो मरेगा रावण
जा छोड़ दिया तन्ने पड़े पड़े
झूठा धरम ना पालिये रावण
काल खड़ा रावण तेरे आगे
तेरे कुल की खैर मानले
सीता माता भेज मेरे सागे
साची कहदू साची सुनले
क्यों मनमानी करे करे
राम के हाथो मरेगा रावण
जा छोड़ दिया तन्ने पड़े पड़े
एक मुक्के से धूल चटा दू
अकड़ के इतना मन फिरे
जा छोड़ दिया तन्ने पड़े पड़े