छोड़ कर संसार जब तू जायेगा।
कोई न साथी तेरा साथ निभायेगा॥टेक॥
छोड़ कर संसार जब तू जायेगा।
कोई न साथी तेरा साथ निभायेगा॥
गर प्रभु का भजन किया न, सत्संग किया न दो घड़ियां।
यमदूत लगाकर तुझको, ले जायेंगे हथकड़ियां कौन छुड़ायेगा॥ कोई न साथी….
इस पेट भरन के खातिर, तू पाप कमाता निशदिन।
शमशान में लकड़ी रखकर, तेरे आग लगेगी एक दिन खाक हो जायेगा॥ कोई न साथी….
यह सत्संग की गंगा है, तू इसमें लगा ले गोता।
वरना इस दुनिया से तू, जायेगा एक दिन रोता फेर पछताएगा॥ कोई न साथी….
क्यों कहता मेरा मेरा, यह दुनिया रैन बसैरा।
यहां कोई न रहने पाता, है चंद दिनों का डेरा हंस उड़ जायेगा॥ कोई न साथी….
श्री संत चरण में निशदिन, तू प्रीत लगाले बंदे।
कट जायेंगे सब तेरे, ये जन्म मरण के फंदे पार हो जायेगा॥ कोई न साथी….