आरती श्री काली जी की : Ambe tu hai jagdambe kali jay durge khappar wali
अम्बे तू है जगदम्बे
काली जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गायें भारती, ओ मैया हम सब
उतारे तेरी आरती।
तेरे भक्त जनों पर
माता भीड़ पड़ी है भारी।
दानव दल पर टूट पड़ो
माँ करके सिंह सवारी।
सौ-सौ सिंहों से तू बलशाली
अष्ट भुजाओं वाली।
दुखियों के दुख को
निवारती।
ओ मैया हम सब
उतारे तेरी आरती।
माँ बेटे का है इस जग
में बड़ा ही निर्मल नाता।
पूत कपूत सुने है पर
ना माता सुनी कुमाता।
सब पे करुणा दरसाने वाली
अमृत बरसाने वाली।
दुखियों के दुखड़े
निवारती।
ओ मैया हम सब
उतारे तेरी आरती।
नहीं मांगते धन और
दौलत न चाँदी न सोना।
हम तो मांगे माँ तेरे
मन में एक छोटा सा कोना।
सबकी बिगड़ी बनाने वाली
लाज बचाने वाली।
सतियों के सत को
संवारती ।
ओ मैया हम सब
उतारें तेरी आरती।