ओ मईया तैने का ठानी मन में || O Maiya Tene Ka Thani Man Me Ram Bhajan By Ravindra Jain

ओ मईया तैने का ठानी मन में
राम-सिया भेज दइ री वन में -२
हाय री तैने का ठानी मन में
राम-सिया भेज दइ री वन में -२
यधपि भरत तेरो ही जायो
तेरी करनी देख लज्जायो
अपनों पद तैने आप गँवायो

भरत की नजरन में
राम-सिया भेज दइ री वन में
हठीली तैने का ठानी मन में
राम-सिया भेज दइ री वन में |

महल छोड़ वहाँ नहीं’ रे मड़ैया
सिया सुकुमारी,संग दोउ भईया
काहू वृक्ष तर भीजत होंगे

तीरो मेहन में
राम-सिया भेज दइ री वन में
दीवानी तैने का ठानी मन में
राम-सिया भेज दइ री वन में -२

कौशल्या की छिन गयी वाणी
रोय ना सकी उर्मिला दीवानी
कैकेयी तू बस एक ही रानी

रह गयी महलन में
राम-सिया भेज दइ री वन में
दीवानी तैने का ठानी मन में
राम-सिया भेज दइ री वन में -२

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *