ज़िन्दगी घर किराये का है
एक न एक दिन बदलना पड़ेगा
मौत जब तुझको आवाज़ देगी
घर से बाहर निकलना पड़ेगा
ज़िन्दगी घर किराये का है
एक न एक दिन बदलना पड़ेगा
ढेर मिटटी का हर आदमी है
बाद मारने के होना यही है
कर भला हो कर भला हो…2
ज़िन्दगी घर किराये का है
एक न एक दिन बदलना पड़ेगा
ये जवानी है पल भर का सपना
ढूंढ ले अब ठिकाना तू अपना …2
कर भला हो कर भला हो
ये जवानी अगर ढल गयी तो
तुम्हे पजीर हाथ मलना पड़ेगा
ज़िन्दगी घर किराये का है
एक न एक दिन बदलना पड़ेगा
ये ताकवर ये जोश ये जवानी
चाँद लम्हो की ये जिंदगानी …2
कर भला हो कर भला हो
शाम तक देख लेना ए नादान
उगते सूरज को ढालना पड़ेगा
ज़िन्दगी घर किराये का है
एक न एक दिन बदलना पड़ेगा
मौत जब तुझको आवाज़ देगी
घर से बाहर निकलना पड़ेगा