वो लाल रहे खुशहाल
जो माँ के संग रहते है
माँ उनका रखे ख़याल
जो माँ के संग रहते है
रोज दुस्सेहरा हो उनके घर
होती रोज दीवाली
खर्च करे दोनो हाथो से
होना तिजोरी खाली
रहते है मालामाल
जो माँ के संग रहते है
मा उनका रखे ख़याल
जो माँ के संग रहते है
वो लाल रहे खुशहाल
रहते है हरपाल जो मा के
आँचल की च्चाओ में
कटा भी ना चुबहे
दुखो का फिर उनके पाओ में
बांका ना हो उनका बाल
जो माँ के संग रहते है
मा उनका रखे ख़याल
जो माँ के संग रहते है
वो लाल रहे खुशहाल
सीधी सच्ची बात
सुरिंदर ने हुमको समझड़ी
मा के पैरो के नीचे
जन्नत हुमको दिखला डी
है सच्चे हीरे लाल
जो माँ के संग रहते है
मा उनका रखे ख़याल
जो माँ के संग रहते है
वो लाल रहे खुशहाल
जो माँ के संग रहते है
मा उनका रखे ख़याल
जो माँ के संग रहते है