वीर बली हनुमान का करता हूँ गुणगान
है माँ अंजनी का लाला देवों में देव महान
सिया राम के सेवक प्यारे पवन पुत्र बजरंग बली
वीरो के है वीर बली और देवों में है महाबली
आफत विपदा छट जावै जो धरता इनका ध्यान
लंकपुरी में जाके हनुमत सीता की सुध लाए थे
रातो रात उठा पर्वत लक्ष्मण के प्राण बचाए थे
रावण की लंक जलाई थे वो इतने बलवान
केशरीनंदन है जगवंदन भक्तों के हितकारी है
जिसने इनका ध्यान लगाया मेटी विपदा सारी है
जो इनकी शरण में जावैं ये कर देते कल्याण
राम लखन के प्राण बचाये अहिरावण को मारा था
सागर लांघ गए लंका में वो भी अज़ब नज़ारा था
कहे ‘देवकीनंदन’ वीर बली थारे चरणों में प्रणाम