तेरे साथ रहना मुश्किल
हो गया है मेरा भोले
हो गया है मेरा तुझको
जाऊँ छोड़ के
तू पीना भांग छोड़ दे
तू पीना भांग छोड़ दे ॥
चरणों में बैठी रहूंगी
तेरी सेवा करुँगी
तुझको जो अच्छा लागे
वो ही मैं काम करूंगी
मान ओ भोले देख ओ भोले
तेरी मेरी खूब पटेगी
जिद छोड़ दे तू वर्ना
जाऊँ छोड़ के हां
वर्ना जाऊँ छोड़ के
तू पीना भांग छोड़ दे ॥
गौरा की बाते सुनकर
भोले का तन मन डोला
तू क्या जाती है जाऊँ
मैं हि उठाकर झोला
बस्ती छोड़ू नगरी छोड़ू
भांग मिले तो सबकुछ छोड़ू
बावरी ना जाने भंगिया
ध्यान है लगाती मेरा
ध्यान ये लगाए ऐसे
जा ना छोड़ के
तू पीना भांग छोड़ दे ॥
नारद तभी आए वहां पे
भगवन बताओ ये क्या लीला
झगड़ा है क्या मुँह को फुलाए
मैया बैठी है क्या ये लीला
घर में झगड़ा किसके ना होता
ब्याह करे जो हरदम रोता
‘लहरी’ ये जीवन का हिस्सा
मुख मोड़ के ना जाना
ऐसे छोड़ के
तू पीना भांग छोड़ दे॥
तेरे साथ रहना मुश्किल
हो गया है मेरा भोले
हो गया है मेरा तुझको
जाऊँ छोड़ के
तू पीना भांग छोड़ दे
तू पीना भांग छोड़ दे
तू पीना भांग छोड़ दे ॥