तेरे जैसा यार यहाँ होती फिर हार कहा
हारे को भी साथ मिले ऐसा दरबार यहाँ
मेरी ज़िन्दगी का हर गम अब कर गया किनारा
चलने लगा अब मेरा तेरे नाम से गुजरा
बाबा तेरे जैसा नहीं दूजा दातार यहाँ,
हारे को भी साथ मिले ऐसा दरबार यहाँ
जो भी शरण में आया तूने उसे समबाला
हर मुख में है कन्हिया तेरा दिया निवाला
तेरे ही कर्म के पले मेरा परिवार यहाँ,
हारे को भी साथ मिले ऐसा दरबार यहाँ
जो भी लगा है गिरने उसको तूने थामा
हर प्रेमी में कन्हिया दीखता तुझे सुदामा
सोनी कभी भूले नही तेरा उपकार यहाँ
हारे को भी साथ मिले ऐसा दरबार यहाँ
श्रेणीखाटू श्याम भजन