तेरा श्याम बड़ा अलबेला
तेरा श्याम बड़ा अलबेला।
मेरी मटकी में मार गयो डेला॥
तेरा श्याम बड़ा अलबेला
कभी गंगा के तीर, कभी यमुना के तीर।
कभी नदियन में नहाये, अकेला ॥1॥
तेरा श्याम बड़ा अलबेला
कभी गोपिन के संग, कभी ग्वालों के संग।
कभी गऊऐ चराये, अकेला ॥2॥
तेरा श्याम बड़ा अलबेला
कभी राधा के संग, कभी रुकमणि के संग।
कभी बंसी बजाए, अकेला ॥3॥
तेरा श्याम बड़ा अलबेला
कभी संतों के संग, कभी भक्तों के संग।
कभी मस्ती में बैठे, अकेला ॥4॥
तेरा श्याम बड़ा अलबेला