जय माता दी
ये कहानी एक बालक की है
जिसकी माता उससे बचपन में ही छोड़ कर जा चुकी थी
अब उसे माँ की कही बाटे याद आती है
सबकी माता शेरवाली है
माँ शेरावाली के माता के मंदिर जाता है
और उनसे पूछता है
तेरा मेरा है क्या रिश्ता ओ माँ
तेरा मेरा क्या रिश्ता
पर जितना किया तूने जितना किया
माँ कोई नहीं करता
तेरा मेरा है क्या रिश्ता ओ माँ
तेरा मेरा है क्या रिश्ता
जब जब भी ये दिल मेरा उदास होता है
तू है मेरे पास खड़ी एहसास होता है
एहसास होता है एहसास होता है
ढूंढा तेरे जैसा माँ कोई नहीं मिलता
तेरा मेरा है क्या रिश्ता ओ माँ
तेरा मेरा है क्या रिश्ता
कोई भी मुसीबत को तू पास भटकने ना दे
बेटे की अँखियों से आंसू कभी छलकने ना दे
कभी छलकने ना दे
आँचल तेरे जैसा माँ कोई नहीं रखता
तेरा मेरा है क्या रिश्ता ओ माँ
तेरा मेरा है क्या रिश्ता
बनवारी तू प्यार मेरा पहचानता नहीं है
मेरी गोद में बैठा है ये जानता नहीं है
जानता नहीं है जानता नहीं है
गोदी में किसी को यूं ही कोई नहीं रखता
तेरे मेरा यही रिश्ता बेटा तेरा मेरा यही रिश्ता
ये मत कहना कहना फिर मत कहना
ये मत कहना की तू मेरा कोई नहीं लगता
तेरे मेरा यही रिश्ता बेटा तेरा मेरा यही रिश्ता
तेरे मेरा यही रिश्ता बेटा तेरा मेरा यही रिश्ता