श्याम सुन्दर सदा हमको प्यारे रहे
हम उन्ही के रहे वो हमारे रहे।।
कान्हा तेरा प्यार ऐसा सिंगार है
जिंदगानी का रूप मेरा खिलता है
प्यार में बेकरारी है इतनी मुझको
फिर भी तेरे नाम से आये करार मुझको
तेज नदिया की धारा चली जा रही
मेरी नैया भी उसमे बही जा रही
हम भवर में रहे या किनारे रहे
हम उन्ही के रहे वो हमारे रहे।
श्याम सुंदर सदा हमको प्यारे रहे
हम उन्ही के रहे वो हमारे रहे।।
जिस डगर पे मुरलिया
की धुन आएगी
उस डगर पे उमरिया
गुजर जाएगी उनकी छवि को
हृदय में उतारे रहे
हम उन्ही के रहे वो हमारे रहे।
श्याम सुन्दर सदा हमको प्यारे रहे
हम उन्ही के रहे वो हमारे रहे।।
प्रेम रस की ये धारा बहती रहे
नित घनश्याम रसना
ये कहती रहे
अपने जीवन को
मोहन पे वारे रहे
हम उन्ही के रहे
वो हमारे रहे।
श्याम सुंदर सदा हमको प्यारे रहे
हम उन्ही के रहे वो हमारे रहे।।