****<<<<< श्री हनुमत वन्दन >>>>>****
अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं दनुजवनकृशानुं ज्ञानीनामग्रगण्यम ।
सकुलगुणनिधानं वानराणामधीशं रघुप्रियभक्तं वातजातं नमामि । ।
****<<<<< Shri Hanuman Aarti – हनुमान जी की आरती >>>>>****
आरती कीजै हनुमान लला की । दुष्ट दलन रघुनाथ कला की । । आरती कीजै….
जाके बल से गिरिवर कांपे । रोग दोष जाके निकट न झांके। ।आरती कीजै….
अंजनी पुत्र महा बलदाई । संतन के प्रभु सदा सहाई । । आरती कीजै….
दे बीरा रघुनाथ पठाये । लंका जारि सिया सुध लाये । । आरती कीजै….
लंका सो कोट समुद्र सी खाई । जात पवन सूत बार न लाई । । आरती कीजै….
लंका जारि असुर संहारे । सियाराम जी के काज संवारे । । आरती कीजै….
लक्ष्मण मुर्छित पड़े सकारे । आनि संजीवन प्रान उबारे । । आरती कीजै….
पैठी पाताल तोरि जमकारे । अहिरावण की भुजा उखारे । । आरती कीजै….
बाएँ भुजा असुरदल मारे । दाहिने भुजा संत जन तारे। । । आरती कीजै….
सुर नर मुनि आरती उतारें । जय जय जय हनुमान उचारें । । आरती कीजै….
कंचन थार कपूर लौ छाई । आरति करत अंजना माई । । आरती कीजै….
जो हनुमान जी की आरती गावै । बसि बैकुन्ठ परम पद पावै। । आरती कीजै….