शेरावाली के बिछुए सुनार गढ़ दे माता भजन लिरिक्स

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शेरावाली के बिछुए सुनार गढ़ दे
हीरे मोती बड़े बेशुमार जड़ दे
मैयाजी के पैरो में मैयाजी के पैरो में
जाके पहनाऊ मैयाजी के पैरो में
मैं तो पहनाऊँ मइया के पाओं मैं

शेरोवाली मेरी माँ जोतावाली मेरी माँ
शेरोवाली मेरी माँ जोतावाली मेरी माँ

शेरांवाली दे बिछुये सुनार गढ़ दे
हीरे मोती बड़े बेशुमार जड़ दे
जाके पहनाऊ मैयाजी के पैरो में
मैं तो पहनाऊँ मइया के पाओं मैं

मैं तो माँ के दर जाऊँगी
खाली झोली भर लाऊंगी
करके माँ दरश मैं तो तर जाऊंगी
लेके बिछुये मैं जाऊँ पहाड़ चढ़ के
मैं तो पहनाऊँ

हीरे मोती चढ़े है इसमें बेशुमार
शेरोवाली आयी मैं पहाड़ चढ़ के
जाके पहनाऊ मैयाजी के पैरो में
मैं तो पहनाऊँ

खन खन घुँघरू खन खन खनके
पैरों में माँ के चम चम चमके
जैसे चन्दा सूरज चमके
थाम लो हाथ मइया एक बार बढ़के
मैं तो पहनाऊँ

जो मइया के मन को भाए
पैरो मैं मां के अजब सुहाए
दीपक मन मन्दिर मैं जगाये
इसमें श्रद्धा और सोने के तार जड़ दे
मैं तो पहनाऊँ

शेरांवाली दे बिछुये सुनार गढ़ दे
हीरे मोती बड़े बेशुमार जड़ दे
मैं तो पहनाऊँ मइया के पाओं मैं

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