जय लक्ष्मीरमणा श्री जय लक्ष्मीरमणा । सत्य नारायण स्वामी जन पातक हरणा । । जय लक्ष्मी…
रत्न जड़ित सिंहासन अद्भुत छवि राजे । नारद करत निराजन घंटा ध्वनि बाजे । । जय लक्ष्मी…
प्रगट भये कलि कारण द्विज को दरस दियो । बूढो ब्राह्मण बनकर कंचन महल कियो । । जय लक्ष्मी…
दुर्बल भील कठारो इन पर कृपा करी । चन्द्रचूड़ इक राजा जिनकी विपति हरी । । जय लक्ष्मी…
वैश्य मनोरथ पायो श्रद्धा ताज दीनी । सो फल भोग्यो प्रभुजी फिर स्तुति कीनी । । जय लक्ष्मी…
भाव भक्ति के कारण छिन छिन रूप धरयो । श्रद्धा धारण कीनी तिनको काज सरयो । । जय लक्ष्मी…
ग्वाल बाल संग राजा वन में भक्ति करी । मनवांछित फल दीनो दीनदयाल हरी । । जय लक्ष्मी…
चढ़त प्रसाद सवाया कदली फल मेवा । धूप दीप तुलसी से राजी सत्यदेवा । । जय लक्ष्मी…
श्री सत्य नारायण जी की आरती जो कोई नर गावे । कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे । । जय लक्ष्मी…