सपने में रात में आया मुरली वाला री
मेरे दिल में बस ग्यो श्याम जपू मैं माला री।।
ए जन्नत अपनी औकात में रहना
हम तेरी जन्नत के मोहताज नही
हम श्री बांकेबिहारी के चरणों में रहते है
वहां तेरी भी कोई औकात नही
वो बोला सुन मेरी राधा मैं तेरे बिना हूँ आधा
मेरी बंसी तुझे पुकारे आ दौड़ी यमुना किनारे
मुझे ग्वाल बाल में प्यारा ग्वाल बाल में प्यारा
कृष्ण वो काला री मेरे दिल में बस ग्यो
श्याम जपू मैं माला री।।
वो झूले कदम की डारी मैं संग में झूलन वारी
रंग रसिया श्याम मुरारी करे मीठी बतिया प्यारी
जादू सा मो पे करता जादू सा मो पे करता
वो नंद लाला री मेरे दिल में बस ग्यो
श्याम जपू मैं माला री।।
मेरा हाथ पकड़ के डोले नैनन की भाषा बोले
मैं हो गयी श्याम दीवानी मोहे दे गयो खास निशानी
मोहे दे गयो खास निशानी मेरा खो गयो खेलन में
खो गयो खेलन में कान का बाला री
मेरे दिल में बस ग्यो श्याम जपू मैं माला री।।
वो नटखट नन्द किशोरा छलिया गोकुल का छोरा
सपने में आन सतावे फिर चैन मुझे न आवे
मेरे मन का कमल खिलावे, मन का कमल खिलावे
श्याम गोपाला री मेरे दिल में बस ग्यो
श्याम जपू मैं माला री।।
सपने में रात में आया मुरली वाला री
मेरे दिल में बस ग्यो श्याम जपू मैं माला री।।