राधिका गोरी से, बृज की छोरी से,
मैया करा दै मेरो ब्याह,
उमर तेरी छोटी रे, नज़र तेरी खोटी रे
कैसे करायदऊँ तेरो ब्याह ।
राधिका गोरी से, बृज की छोरी से,
मैया करा दै मेरो ब्याह,
जो न ब्याह कराये,
तेरी गैया नाहि चराऊँ,
आज के बाद मेरी मैया,
तेरी दहली पर नाय आऊँ,
राधिका गोरी से, बृज की छोरी से,
मैया करा दै मेरो ब्याह,
चंदन की चौकी पै
मैया तोहे बैठाऊं
अपनी राधा से में
चरण तेरे दबवाऊँ
और, भोजन में बनवाऊगो
छप्पन प्रकार के । ।
राधिका गोरी से, बृज की छोरी से,
मैया करा दै मेरो ब्याह,
उमर तेरी छोटी रे, नज़र तेरी खोटी रे
कैसे करायदऊँ तेरो ब्याह ।
छोटी सी दुल्हनिया
जब अंगना में डोलेगी
तेरे सामने मैया
वो घूंघट ना खोलेगीदाऊ से जा कहो, जा कहो
बैठेंगे द्वार
राधिका गोरी से….
राधिका गोरी से, बृज की छोरी से,
मैया करा दै मेरो ब्याह,
उमर तेरी छोटी रे, नज़र तेरी खोटी रे
कैसे करायदऊँ तेरो ब्याह ।
सुन बातें कान्हा की,
मैया बैठी मुसकाये
लेके बलाइयां मैया,
हिवडे से अपने मैया
नज़र कहीं लग जाए ना, लग जाए ना
राधिका गोरी से, बृज की छोरी से,
मैया करा दै मेरो ब्याह,
उमर तेरी छोटी रे, नज़र तेरी खोटी रे
कैसे करायदऊँ तेरो ब्याह ।
राधिका गोरी से,
बृज की छोरी से
कान्हा करायदऊँ तेरो ब्याह ।