प्रेम से तू गा ले रसना नाम शिव जी का
वो ही दाता है विदाता सारी जगती का
है किरपालु वो दयालु भोला भंडारी
वो त्रिलोकी का है स्वामी प्राण अधारी
स्वास की माला पे जपना नाम शिव जी का
वो ही दाता है विदाता सारी जगती का
संकटो को हरने वाला शिव है सुख राशी
सारी श्रिष्टि का रचिया ब्रह्मा अविनाशी
ज्ञान से उस में उतर न नाम शिव जी का
वो ही दाता है विदाता सारी जगती का
चंदर सोहे बाल जिसके नाग गल माला
शंख में ओंकार फुके कर दे मत वाला
शरण हो निश दिन सुमरना नाम शिव जी का
वो ही दाता है विदाता सारी जगती का