ओ मेरे बाबा बजरंगी तेरी जय जयकार मनाएंगे
ओ मेरे बाबा बजरंगी
ओ मेरे बाबा बजरंगी तेरी जय जयकार मनाएंगे
ओ मेरे बाबा बजरंगी
मन तुलसी दास है अयोध्या धाम हो
रोम रोम में राम राम बसे
इतना सच्चा हमारा विश्स्वास हो
हमारे ह्रदय में सदा श्री राम का वास हो
जय श्री राम जय हनुमान
करम खोल दे उन भक्तो के जो द्रष्टि से वंचित है
द्रष्टि अगर मिल जाएगी तो हां
द्रष्टि अगर मिल जाएगी तो तेरा दर्शन पाएंगे
ओ मेरे बाबा बजरँगी
करम खोल दे उन भक्तो के जो चलने से वंचित है
चलने की शक्ति मिल जाएगी तो हां
चलने की शक्ति मिल जाएगी तो दर पे चलके आएँगे
ओ मेरे बाबा बजरँगी
करम खोल दे उन भक्तो के जो माया से वंचित है
माया अगर मिल जाएगी तो हां
माया अगर मिल जाएगी तो तो तेरा भवन बनाएंगे
ओ मेरे बाबा बजरँगी
करम खोल दे उन भक्तो के जो वाणी से वंचित है
वाणी अगर मिल जाएगी तो हां
वाणी अगर मिल जाएगी तो राम नाम धुन गाएंगे
रघु पति राजा राम पतित पवन सीता राम
रघु पति राजा राम पतित पवन सीता राम
ओ मेरे बाबा बजरँगी
करम खोल दे उन भक्तो के जो भक्ति से वंचित है
भक्ति अगर मिल जाएगी तो हां
भक्ति अगर मिल जाएगी तो तेरा ही गुण गाएंगे
ओ मेरे बाबा बजरँगी
ओ मेरे बाबा बजरंगी तेरी जय जयकार मनाएंगे
ओ मेरे बाबा बजरंगी तेरी जय जयकार मनाएंगे
ओ मेरे बाबा बजरंगी