नन्द रानी कन्हैयो जबर भयो री म्हारी मटकी उलट के पलट गयो री कृष्णा भजन

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नन्द रानी कन्हैयो जबर भयो री
म्हारी मटकी उलट के पलट गयो री

गोकुल में जी करे निवास
गोपियों संग जो रचाए रास
देवकी-यशोदा जिनकी मईया
ऐसे हमारे किशन कन्हैया

नन्द रानी कन्हैयो जबर भयो री
म्हारी मटकी उलट के पलट गयो री।।

पनघट पे आके करे जोरा जोरी
चुपके से आके करे चित चोरी हो

मैया हल्लो
मैया हल्लो मच्यो तो
सटक गयो री
म्हारी मटकी उलट के
पलट गयो री।।

घर घर में जाके
यो माखन चुरावे
खावे सो खावे
जमीं पे गिरावे हो

मैया रोकनों
मैया रोकनों हमारो
खटक गयो री
म्हारी मटकी उलट के
पलट गयो री।।

मुस्कान इसकी
लगे प्यारी प्यारी
दीवानी हो गई है
सारी ब्रज नारी हो

ऐसी बंसी में
ऐसी बंसी में
जियरो अटक गयो री
म्हारी मटकी उलट के
पलट गयो री।।

मैं तो दुखियारी
गरीबी की मारी
नहीं जोर चाल्यो तो
दीन्हि मैं गाली हो

नंदू बईया
नंदू बईया कन्हैया
झटक गयो री
म्हारी मटकी उलट के
पलट गयो री।।

नन्द रानी कन्हैयो जबर भयो री
म्हारी मटकी उलट के पलट गयो री।।

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