न मेरी तक़दीर का
न सारे जहाँ का
मेरे घर में है
जो कुछ भी है
दिया हुआ है श्याम का …२
न मेरी तक़दीर का
न सारे जहाँ का
मेरे घर में है
जो कुछ भी है
दिया हुआ है श्याम का …२
सबी पड़ी है झोपडी
बाबा के अहसान से
भरा पड़ा है घर मेरा
बाबा के सामान से …२
रोम रोम मेरा क़र्ज़ दर है
बाबा के अहसान का …२
मेरे घर में है
जो कुछ भी है
दिया हुआ है श्याम का …२
मेरे घर में है
जो कुछ भी है
दिया हुआ है श्याम का …२