मेरी छोटी सी है नाव, तेरे जादू भरे पॉंव,
मोहे डर लागे राम, मैं कैसे बिठाऊँ मेरी नॉंव में,
तुम हो सबके तारणहार, कर दो मेरा बेड़ा पार,
सुनो मेरे सरकार, मैं कैसे बिठाऊँ मेरी नॉंव में।।
इक पत्थर से बन गई नारी, लकडी की है नाव हमारी,
चलता उससे रोजगार, पालूँ मेरा परिवार,
मैं कैसे बिठाऊँ मेरी नॉंव में,
मेरी छोटी सी है नाव, तेरे जादू भरे पॉंव,
मोहे डर लागे राम, मैं कैसे बिठाऊँ मेरी नॉंव में।।
इक बात मानो तो बैठालूँ, तेरे चरणों की धूल निकालू,
अगर होवे मंजुर, सुनो मेरे हुजुर, आओ बिठाऊं मेरी नाँव में,
मेरी छोटी सी है नाव, तेरे जादू भरे पॉंव,
मोहे डर लागे राम, मैं कैसे बिठाऊँ मेरी नॉंव में।।
बड़े प्रेम सहित पग धोता, सब पाप जनम के खोता, होवे मन में प्रसन्न,
करे राम दर्शन, संग सीता लक्ष्मण, आओ बिठाऊं मेरी नाँव में,
मेरी छोटी सी है नाव, तेरे जादू भरे पॉंव,
मोहे डर लागे राम, मैं कैसे बिठाऊँ मेरी नॉंव में।।
वो तो फूलों की भेंट चढ़ाता, वो तो चरणामृत को लेता, ऐसा समय बारबार,
नहीं आए सरकार, आओ बिठाऊं मेरी नाँव में, मेरी छोटी सी है नाव,
तेरे जादू भरे पॉंव, मोहे डर लागे राम, मैं कैसे बिठाऊँ मेरी नॉंव में।।
धीरे धीरे से नाव चलाता, गीत मन में खुशी का गाता,
सूरज ना डूबे क्षीण में, राम ना जाए वन में,
आओ बिठाऊं मेरी नाँव में, मेरी छोटी सी है नाव,
तेरे जादू भरे पॉंव, मोहे डर लागे राम, मैं कैसे बिठाऊँ मेरी नॉंव में।।
मल्लाह ले लो नाँव उतराई, मेरे पल्ले कुछ नहीं भाई,
ये तो कर लो स्वीकार, तेरी होगी जय जयकार,
सुनो केवट की पुकार, आओ बिठाऊं मेरी नाँव में,
मेरी छोटी सी है नाव, तेरे जादू भरे पॉंव,
मोहे डर लागे राम, मैं कैसे बिठाऊँ मेरी नॉंव में।।
मेरी छोटी सी है नाव, तेरे जादू भरे पॉंव, मोहे डर लागे राम,
मैं कैसे बिठाऊँ मेरी नॉंव में, तुम हो सबके तारणहार,
कर दो मेरा बेड़ा पार, सुनो मेरे सरकार, मैं कैसे बिठाऊँ मेरी नॉंव में।।