मेरा संकट कट गया जी बालाजी के दरबार में हनुमान भजन लिरिक्स

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मेरा संकट कट गया जी मेहंदीपुर के दरबार में
मेरा संकट कट गया जी बालाजी के दरबार में
मेरा संकट मेरा संकट मेरा संकट हाँ हाँ हाँ
मेरा संकट कट गया जी बालाजी के दरबार में।

एक दिन चौराहे के ऊपर पैर मेरा आया
पीछे पड़ गया भगतो मेरे एक भूत का साया
हालत मेरी बिगड़न लागी समझ नहीं कुछ आवे

मेरे बस की बात नही यो ने घना सतावे
वो मेरे चिपट गया जी मै सिर मारू दीवार मे
मेरा संकट कट गया जी बालाजी के दरबार में
मेरा संकट कट गया जी मेहंदीपुर के दरबार में।

बबलू चाचा रोज करे डंडे ते मेरी पिटाई
डॉक्टर वैद्य दिखाता डोलू लागे नही दवाई
एक जना यू बोला इसने मेहंदीपुर ले चालों
बांध जूट ते इसने थे सूमो के अंदर घालो
सूमो के अंदर घालो थे सूमो के अंदर घालो

मैं जाने ते नट गया जी उस बाबा के दरबार मे
मेरा संकट कट गया जी बालाजी के दरबार में
मेरा संकट कट गया जी मेहंदीपुर के दरबार में।

मेहंदीपुर पंहुचा तो मुझको चेन थोड़ा सा आया
लगाया जब आरती का छींटा निर्मल हो गई काया
भूत प्रेत सब भागे मेरे मिल गया था छुटकारा
बालाजी ने कर दिया मेरे संकट का निपटारा
मेरे संकट का निपटारा मेरे संकट का निपटारा ।

मने बेरा पट गया जी ना इसा कोई संसार में
मेरा संकट कट गया जी बालाजी के दरबार में
मेरा संकट मेरा संकट मेरा संकट हाँ हाँ हाँ
मेरा संकट कट गया जी बालाजी के दरबार में
मेरा संकट कट गया जी मेहंदीपुर के दरबार में।

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