मन हो जा दीवाना रे श्याम जी के चरणों में
श्याम जी के चरणों में श्याम जी के चरणों में
मन हो ज दीवाना रे श्याम जी के चरणों में।।
मंज़िले मुझे छोड़ गयी
रास्ते ने पाल लिया है
जा ज़िंदगी तेरी ज़रूरत नहीं
मुझे ठाकुर ने संभाल लिया है
श्याम नाम अमृत का प्याला पीकर इसको बन मतवाला
सारा जीवन बिताना रे श्याम जी के चरणों में
मन हो जा दिवाना रे श्याम जी के चरणों में।।
वृंदावन सा धाम नहीं है कृष्ण नाम सा नाम नहीं है
प्राणी सुख का खजाना रे श्याम जी के चरणों में
मन हो जा दिवाना रे श्याम जी के चरणों में।।
प्रेम के भूखे देवकीनंदन भक्तो के बस में है भवभंजन
तुम भी भक्ति बढ़ाना रे श्याम जी के चरणों में
मन हो जा दिवाना रे श्याम जी के चरणों में।।
मन हो जा दीवाना रे श्याम जी के चरणों में
श्याम जी के चरणों में श्याम जी के चरणों में
मन हो ज दीवाना रे श्याम जी के चरणों में।।