मैं गुड़िया तेरे आँगन की
जाउंगी बैठ के डोली साजन की
मैं गुड़िया तेरे आँगन की
मैं गुड़िया तेरे आँगन की
जाउंगी बैठ के डोली साजन की
मैं गुड़िया तेरे आँगन की
मैं तेरी द्रोपदी तू मेरा कन्हैया
बहना को भूल मत जाना मेरे भैया
याद ना भुलानरक्षा बंधन की
मैं गुड़िया तेरे आँगन की
मेरी माँ लगे ना जियरा लगे ना
ऐ मेरी माँ तू क्यों रोती है
बेटी पराया धन होती है
राजा की हो चाहे निर्धन की
मैं गुड़िया तेरे आँगन की
चले है कहार मेरी डोली उठा के
कर दो विदा मुझे शगुन गीत गाके
याद ना भूलना मेरे बचपन की
मैं गुड़िया तेरे आँगन की
वो खुला आँगन
वो पूष का छप्पर
वो नीम के पेड़ अच्छे थे
बड़ा मजा आता था उन दिनों
मकान कच्चे थे
वो खुला आँगन
वो पूष का छप्पर
वो नीम के पेड़ अच्छे थे
बड़ा मजा आता था उन दिनों
मकान कच्चे थे
वो बासी रोटी वो ताजा मक्खन
चावल के माड़
वो आम जो कच्चे थे
बड़ा मजा आता था
उनदिनों माँ तेरी गोद में
जब हम बच्चे थे
जब हम बच्चे थे
चले है कहार मेरी डोली उठा के
कर दो विदा मुझे शगुन गीत गाके
याद ना भूलना रक्षा बंधन की
मैं गुड़िया तेरे आँगन की
मैं गुड़िया तेरे आँगन की
जाउंगी बैठ के डोली साजन की
मैं गुड़िया तेरे आँगन की॥