कोई मतवाला आया मेरे द्वारे
अखियों से कर गया अजब इशारे
कोई मतवाला आया मेरे द्वारे
क्या मन उसके मैं क्या जानूँ
छलिया को मैं क्या पहचानूँ
जाने क्यों मेरा नाम पुकारे
कोई मतवारा आया मेरे द्वारे
जब से गया है भोला बचपन
अखियाँ चंचल नटखट है मन
अब नहीं कुछ भी बस में हमारे
कोई मतवारा आया मेरे द्वारे