जिस घर में माँ की ज्योत जगे
वो घर है किस्मत वाला
जिस घर में माँ की ज्योत जले
वो घर है किस्मत वाला
सोये भाग जगाने खुद आये मात जवाला
जिस घर में माँ के चरण पड़े
अन धन से रहे भंडार भरे
हर मुश्किल आसान हो जाए
रहे संकट हरदम परे परे
जीवन की डगर पे मिलता है
जय हो जीवन की डगर पे मिलता है
पग पग पर उसे उजाला
अरे सोया भाग जगाने खुद आये
मात जवाला सोये भाग जगाने
खुद आय मात जवाला हो हो
निर्मल पावन इस ज्योति का
कण कण में नूर समाया है
सदियों से जलती है अखंड
नहीं पार किसी ने पाया है
नहीं पार किसी ने पाया है
ज्योति की शक्ति ने अकबर का
जय हो ज्योति की शक्ति ने
अकबर का मान भस्म कर डाला
अरे सोय भाग जगाने खुद आये मात जवाला
सोय भाग जगाने खुद आये मात जवाला