संत परम हितकारी, जगत माहि संत परम हितकारी |
प्रभु पद प्रगट करावे प्रीती, भरम मिटावे भारी |
परम कृपालु सकल जीवन पर, हरि सम सकल दुःख हारी |
त्रिगुन्तीत फिरत तन त्यागी, रीत जगत से नयारी |
ब्रह्मानंद कहे संत की सोबत, मिळत है प्रगट मुरारी |
संत परम हितकारी, जगत माहि संत परम हितकारी |
प्रभु पद प्रगट करावे प्रीती, भरम मिटावे भारी |
परम कृपालु सकल जीवन पर, हरि सम सकल दुःख हारी |
त्रिगुन्तीत फिरत तन त्यागी, रीत जगत से नयारी |
ब्रह्मानंद कहे संत की सोबत, मिळत है प्रगट मुरारी |