इक दिन वो भोला भंडारी बनकर के ब्रिज नारी || Ik Din Woh Bhole Bhandari Bankar Ke Braj Naari Shiv Bhajan

0
6
views
Share on Facebook
Tweet on Twitter

इक दिन वो भोला भंडारी बनकर के ब्रिज नारी गोकुल में आ गए है
पारवती भी मन के हारी ना मने त्रिपुरारी गोकुल में आ गए है

पार्वती से बोले मैं भी चलूंगा तेरे संग में
राधा संग श्याम नाचे मैं भी नाचूंगा तेरे संग में
रास रचेगा ब्रिज में भारी मुह्जे दिखाओ नारी
गोकुल में आ गए है गोकुल में आ गए है
इक दिन वो भोला भंडारी बनकर के ब्रिज नारी गोकुल में आ गए है
गोकुल में आ गए है

ओह मेरे भोले स्वामी कैसे ले जौ मेरे साथ में
मोहन की सिवा वह कोई पुरुष न जाए रास में
हंसी करेगी ब्रिज की नारी मानो बात हमारी
गोकुल में आ गए है गोकुल में आ गए है
इक दिन वो भोला भंडारी बनकर के ब्रिज नारी गोकुल में आ गए है
गोकुल में आ गए है

ऐसा बना दो मुझे कोई ना जाने इस रास को
मैं हु सहेली तेरी ऐसा बताना बृजराज को
बांध के जुडा पेहेन के सारे चाल चले मतवाली
गोकुल में आ गए है गोकुल में आ गए है
इक दिन वो भोला भंडारी बनकर के ब्रिज नारी गोकुल में आ गए है
गोकुल में आ गए है

हँसके सति ने कहा बलिहारी जौ इस रूप पे
इक दिन तुम्हारे लिए आये मुरारी इस रूप में
मोहिनी रूप बनाया मुरारी अब यह तुम्हारी बारी
गोकुल में आ गए है गोकुल में आ गए है
इक दिन वो भोला भंडारी बनकर के ब्रिज नारी गोकुल में आ गए है
गोकुल में आ गए है

देखा मोहन ने समझ गए वो सब बात रे
ऐसी बजायी बंसी सुध बुध भूले भोलेनाथ रे
सर से खिसक गयी जब सारे मुस्काये गिरधारी
भोले शर्मा गए है
गोकुल में आ गए है गोकुल में आ गए है
इक दिन वो भोला भंडारी बनकर के ब्रिज नारी गोकुल में आ गए है
गोकुल में आ गए है

दिन दयालु तेरा तब से गोपेश्वर हुआ नाम रे
ओह भोले बाबा तेरा वृन्दावन में बना धाम रे
ताराचंद कहे ओह त्रिपुरारी रखियो लाज हमारी
शरण में आ गए है गोकुल में आ गए है
इक दिन वो भोला भंडारी बनकर के ब्रिज नारी गोकुल में आ गए है
गोकुल में आ गए है

इक दिन वो भोला भंडारी बनकर के ब्रिज नारी गोकुल में आ गए है
पारवती भी मन के हारी ना मने त्रिपुरारी गोकुल में आ गए है
गोकुल में आ गए है गोकुल में आ गए है
गोकुल में आ गए है गोकुल में आ गए है

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here